मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार ने प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाले अंशदान को बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है और इस पर 200 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण के लिए हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ तथाकथित मजदूर हितैषी संगठन बड़े-बड़े दावे कर और स्वयं को मजदूरों का हितैषी बताकर मजदूरों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन धरातल पर उनके कल्याण के लिए कुछ भी नहीं किया। उन्होंने भारतीय मजूदर संघ से राज्य और केंद्र सरकारों की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए श्रमिकों की सहायता के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पिछले साल कोविड महामारी के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों को राहत प्रदान करना सुनिश्चित कर रही है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि भारतीय मजूदर संघ की सभी जायज मांगों पर राज्य सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
इस अवसर पर भारतीय मजूदर संघ के प्रदेश महामंत्री मंगत राम नेगी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
राष्ट्रीय संगठन मंत्री भारतीय मजूदर संघ सुरेन्द्रन, क्षेत्रीय संगठन मंत्री भारतीय मजूदर संघ पवन कुमार, क्षेत्रीय सह-संगठन मंत्री भारतीय मजूदर संघ राकेश शर्मा, भारतीय मजूदर संघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष मदन सिंह राणा, प्रदेश महामंत्री मंगत राम नेगी और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।