सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान और इसके बाद विधानसभा का शीत सत्र तपोवन को गरमा सकता है। विपक्ष में बैठी भाजपा राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान गतिरोध पैदा कर सकती है। प्रदेश में सैकड़ों संस्थानों को डिनोटिफाई करने, सीमेंट उद्योगों के बंद होने, कैबिनेट गठन न कर पाने, ओपीएस जैसे मुद्दों पर विपक्ष सत्ता पक्ष को निशाने पर ले सकता है।