
बाघल टाइम्स
शिमला ब्यूरो (07 सितम्बर) हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि सरकार के जनविरोधी निर्णयों के खिलाफ कांग्रेस का रुख शुरू से आक्रामक रहा है।
हार के डर से प्रदेश में उपचुनाव टाले गए हैं। अगर उपचुनाव होते तो भाजपा का 4-0 से सफाया होता। हार के बाद प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की आवाज भी उठ सकती थी। मुख्यमंत्री को अपनी कुर्सी जाने का डर है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश और केंद्र सरकार की सिफारिश पर चुनाव आयोग ने हिमाचल में उपचुनाव टाले हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि जिस दाम पर अडानी और अंबानी से वर्ष 2011 में प्रदेश में सेब की खरीद की थी, आज भी उसी दाम पर खरीद कर बागवानों को लूटा जा रहा है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह भी अडानी और अंबानी की कंपनियों के पदाधिकारियों से बात करने से डर रहे हैं। एक मंत्री के कहने पर ईमानदार मुख्य सचिव को पद से हटा दिया गया। सरकार का नौकरशाही पर कोई नियंत्रण नहीं है। प्रदेश में नॉन परफॉरमिंग सरकार चल रही है।
स्वास्थ्य सुविधाओं पर पैसे खर्चने के बजाय सरकार विज्ञापन और होर्डिंग्स पर करोड़ों फूंक रही है। प्रदेश कांग्रेस में निष्क्रिय पदाधिकारियों के बारे में राठौर ने कहा कि जिला और ब्लॉक अध्यक्षों से रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद निष्क्रिय पदाधिकारियों की विदाई होगी। उनकी जगह काम करने वालों को मौका दिया जाएगा।
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