सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। एक ओर प्रचार में योजनाओं को सफल बताया जाता है, दूसरी ओर ज़मीनी हालात खस्ताहाल हैं। पोषण आहार में कटौती, केंद्रों की बदहाल हालत और कर्मचारियों की बढ़ती उपेक्षा इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं।
यूनियन ने निर्णय लिया है कि आने वाले दिनों में हर वर्कर और आम जनता तक जाकर इस आंदोलन की सच्चाई बताई जाएगी। गांव-गांव में प्रचार अभियान चलाया जाएगा ताकि जनता भी इस संघर्ष में शामिल हो और सरकार पर दबाव बने।
बैठक में मुख्य रूप से सीटू राज्य उपाध्यक्ष जगत राम, जिला कमेटी सदस्य राकेश कुमार भी मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता बिमला ठाकुर के द्वारा की गई।
अगर सरकार ने अब भी आंखे मूंदी रखीं, तो यह संघर्ष और तेज़ होगा। यह चेतावनी यूनियन ने स्पष्ट शब्दों में दी है।