कब और कैसे चुनाव होना है?  कितने लोग डालेंगे वोट ? बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर्स के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं?

          बाघल टाइम्स नेटवर्क

आइए जानते हैं चुनाव से जुड़ी  कुछ खास जानकारियां   कब और कैसे चुनाव होना है?  कितने लोग वोट डालेंगे? बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर्स के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं?

            चुनाव का शेड्यूल क्या है?

अधिसूचना : 17 अक्तूबर
नामांकन की आखिरी तारीख : 25 अक्तूबर
नामांकन की जांच : 27 अक्तूबर
नाम वापसी: 29 अक्तूबर
मतदान: 12 नवंबर 
मतगणना : आठ दिसंबर

 मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल कब खत्म हो रहा है?

मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है। इससे पहले चुनाव की सारी प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। आयोग ने इसी के अनुसार, अपनी तैयारी की है। 

 कितने वोटर्स डालेंगे वोट?

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बताया कि हिमाचल प्रदेश में 55 लाख 07 हजार 261 मतदाता हैं। इनमें 27 लाख 80 हजार 208 पुरुष और 27 लाख 27 हजार 16 महिला वोटर्स हैं। 67 हजार 532 मतदाता सरकारी कर्मचारी हैं। 56,001 दिव्यांग वोटर्स हैं। इसके अलावा 80 साल से ज्यादा उम्र के 1.22 लाख मतदाता हैं। 1,184 मतदाता ऐसे हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है। 1.86 लाख मतदाता ऐसे हैं, जो पहली बार वोट करेंगे। इनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। इनमें 43 हजार 172 वोटर्स ऐसे हैं, जिनकी आयु एक जनवरी 2022 से एक अक्तूबर 2022 के बीच 18 साल पूरी हुई है। 

 पोलिंग स्टेशन कितने होंगे?

चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए 7,881 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। हर एक पोलिंग स्टेशन पर औसतन 699 वोटर वोट डाल पाएंगे। शहरी इलाकों में 646 और ग्रामीण इलाकों में 7,235 पोलिंग बूथ होंगे। इनमें 142 पोलिंग बूथ महिलाएं संचालित करेंगी और 37 दिव्यांग कर्मचारी करेंगे। पिछली बार के मुकाबले वोटिंग पोलिंग स्टेशन की संख्या में 4.73% का इजाफा हुआ है। 

 कितनी सीटों पर चुनाव, इनमें कितने आरक्षित?

हिमाचल प्रदेश में कुल 68 सीटें हैं। इनमें 17 एसी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, जबकि तीन एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं।

 बुजुर्ग और दिव्यांग वोटर्स के लिए क्या एलान हुआ?

चुनाव आयोग ने कहा कि 80 साल से ज्यादा उम्र के लोग, दिव्यांग या कोविड संक्रमित जो वोट देना चाहते हैं और वह लोग पोलिंग बूथ तक नहीं आ सकते हैं। ऐसे मतदाताओं को घर पर रहते हुए वोट देने की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए वोटर को पूर्व में ही जिला निर्वाचन समिति को जानकारी देनी होगी। इसके बाद आयोग की तरफ से संबंधित व्यक्ति के घर पर ही वोट देने की सुविधा का इंतजाम कराया जाएगा। इस पूरे प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी होगी। 

 वोट डालते समय कौन-कौन सा पहचान पत्र दिखा सकेंगे?

अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है तो आप दूसरे पहचान पत्रों का इस्तेमाल करके भी वोट डाल सकते हैं। इनमें…
1. पासपोर्ट
2. ड्राइविंग लाइसेंस
3. अगर आप सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट के कर्मचारी हैं या फिर, PSUs और पब्लिक लिमिटेड कंपनी में काम कर रहे हैं तो कंपनी की फोटो आईडी के आधार पर भी मतदान किया जा सकता है।
4. PAN कार्ड
5. आधार कार्ड
6. पोस्ट ऑफिस और बैंक द्वारा जारी की गई पासबुक।
7. मनरेगा जॉब कार्ड।
8. लेबर मिनिस्ट्री द्वारा जारी किया गया हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड।
9. पेंशन कार्ड जिसपर आपकी फोटो लगी हो और अटेस्टेड हो।
10. नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड।
11. MPs/MLAs/MLCs की तरफ से जारी आधिकारिक पहचानपत्र।
12. बैंक या पोस्ट ऑफिस की तरफ से जारी फोटो युक्त पासबुक। 
13. लेबर मिनिस्ट्री की तरफ से जारी हेल्थ इंश्योरेंस स्मार्ट कार्ड। 
14. मिनिस्ट्री ऑफ सोशल जस्टिस की तरफ से जारी यूनिक डिसअबेलिटी कार्ड। 
(इन सभी में से कोई एक पहचान पत्र दिखाने पर आप वोट दे सकेंगे।)

 90 मिनट पहले होगा मॉक पोल

हर बार चुनाव में ईवीएम की खराबी और धांधली का आरोप लगता है। ऐसे में चुनाव आयोग ने वोटिंग शुरू होने से 90 मिनट पहले प्रत्येक बूथ पर मॉक पोल कराने का फैसला लिया है। इसमें प्रत्याशियों के एजेंट के सामने कम से कम 50 सिंबोलिक वोट पड़ेंगे और उसकी पर्ची भी दिखाई जाएगी। इसके अलावा मशीन और वीवीपैट के नतीजों का मिलान कराकर उसे भी एजेंट को दिखाया जाएगा। इसकी वीडियोग्राफी होगी और रिपोर्ट भी तैयार होगी। मॉक पोल खत्म होने के तुरंत बाद क्लियर बटन दबा दिया जाएगा, ताकि वोटिंग का कोई रिकॉर्ड मशीन में न बचे। 
. प्रत्याशियों को आपराधिक मामलों की जानकारी देनी होगी*
चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रत्येक प्रत्याशी को अपने ऊपर लगे आपराधिक मामलों की जानकारी सार्वजनिक तौर पर जारी करनी होगी। ये जानकारी कम से कम तीन बार प्रकाशित करनी होगी। कम से कम दो राष्ट्रीय अखबार और चैनल में इसकी सूचना प्रकाशित करवानी होगी। प्रत्याशी के बारे में सारी सूचना चुनाव आयोग अपने वेबसाइट पर भी जारी करेगा। 

 नतीजे कब आएंगे?

12 नवंबर को चुनाव कराने के बाद ईवीएम को कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में रख दिया जाएगा। इसके बाद वीडियोग्राफी, प्रत्याशियों के एजेंट और चुनाव आयोग के अधिकारियों की मौजूदगी में आठ दिसंबर को स्ट्रांग रूम खोला जाएगा। इसके बाद मतों की गिनती होगी और शाम तक नतीजे साफ हो जाएंगे।

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