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श्रीमद्भागवत सनातन धर्म का महत्वपूर्ण अंग: अमित
बाघल टाइम्स
अर्की ब्यूरो (14 अक्तुबर)उपमण्डल अर्की के गाँव पलोग मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य अमित गंगेश्वर ने कहा कि भागवत धर्म सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो मुख्य रूप से भगवान विष्णु उनके अवतारों और श्रीकृष्ण की भक्ति पर आधारित है। यह धर्म श्रीमद्भागवत पुराण पर आधारित है, जिसमें भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों, जैसे राम और कृष्ण की कथाएँ और शिक्षाएँ मिलती हैं। उन्होंने कहा कि यह
भागवत धर्म के अनुसार, भक्ति ही मोक्ष प्राप्त करने का सबसे सरल और श्रेष्ठ मार्ग है। इस धर्म में व्यक्ति की आस्था, निष्ठा और प्रेम को सर्वोपरि माना जाता है।
भागवत धर्म कर्मकांडों से अधिक आंतरिक भक्ति और भगवान के प्रति प्रेम को महत्त्व देता है। यह धर्म जाति, वर्ग, और लिंग के भेदभाव से ऊपर उठकर सभी को एक समान रूप से भक्ति का अधिकार देता है। श्रीकृष्ण के गीता में दिए गए उपदेश भी भागवत धर्म के सिद्धांतों का मूल हैं, जहाँ उन्होंने निष्काम कर्म, भक्ति और ज्ञान को मोक्ष का मार्ग बताया है। भागवत धर्म में सरलता, अहिंसा, सच्चाई, और करुणा जैसे नैतिक मूल्यों का पालन करना आवश्यक माना गया है।
उन्होंने कहा कि इस धर्म का उद्देश्य मनुष्य को आध्यात्मिक रूप से जागरूक करना और उसे ईश्वर से जोड़ना है, जिससे वह इस संसार के बंधनों से मुक्त होकर परम आनंद की स्थिति प्राप्त कर सके और भागवत प्राप्ति कर लें।