
पंचायतों में मनरेगा के लिए ऑनलाइन हाजिरी में केंद्र से नहीं मिली छूट, बढ़ सकती हैं दिक्कतेें
बाघल टाइम्स
सोलन ब्यूरो (06 अप्रैल) हिमाचल प्रदेश की 3615 ग्राम पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2023-2024 में अरबों रुपए के विकास कार्यों पर ब्रेक लग सकती है।
केंद्र सरकार ने मनरेगा में ‘राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली’ (नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम) के तहत लगने वाली ऑनलाइन हाजिरी में छूट नहीं दी है।

हालांकि प्रदेश सरकार द्वारा इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाए जाने की भी सूचना है। परंतु केंद्र ने मनरेगा शेल्फ में पंचायतों में किए जा रहे सामुदायिक विकास कार्य पैटर्न पर श्रमिकों की दिन में ऑनलाइन लगने वाली हाजिरी को आवश्यक बताया है।

बीते वित्तीय वर्ष मेें शुरू की गई इस प्रक्रिया में छूट दिए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है, क्योंकि इस जटिल सिस्टम में अधिकांश पंचायतों में 50 प्रतिशत से भी कम बजट खर्च हो पाया है।
सोलन जिले की बात करें तो यंहा 240 ग्राम पंचायतों के लिए बीते वर्ष जारी 55.86 करोड़ के बजट में से 22 करोड़ ही खर्च किए गए। केंद्र सरकार ने मनरेगा के अंतर्गत नेशनल मोबाइल मोनिटिरिंग सिस्टम से पंचायतों को ऑनलाइन हाजिरी लगाने के निर्देश दिए थे, जो कमोबेश इस वर्ष भी जारी रहेंगे।
ग्राम पंचायतों को कहा गया है कि चैक डैम, रास्ते, कूहल व अन्य प्रकार के सामुदायिक विकास कार्यों में दिन में दो बार हाजिरी लगाकर पोर्टल पर डालनी पड़ेगी।
पंचायतों में इस फरमान से मनरेगा शेल्फ में होने वाले बड़े विकास कार्यों में बड़े पैमाने पर ब्रेक लगने के कयास लगाए जा रहे हैं।
इसके पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। प्रमुख कारणों में बुजुर्ग वार्ड मेंबर व अन्य प्रतिनिधियों को ऐप व सोशल मीडिया की जानकारी न होना व उनकी कम शैक्षणिक योग्यता होना भी बताया जा रहा है।