
बाघल टाइम्स
शिमला ब्यूरो (29अगस्त) आंगनबाड़ी वर्करज़ एवम हैल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की बैठक यूनियन कार्यालय शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि यूनियन के अखिल भारतीय आह्वान के तहत 24 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में सभी आंगनबाड़ी केंद्र बन्द रहेंगे व पूर्ण हड़ताल होगी।
बैठक में यूनियन प्रदेशाध्यक्ष नीलम जसवाल,महासचिव वीना शर्मा,सुमित्रा देवी,हिमी देवी,खीमी भंडारी,पिंगला गुप्ता,मीना मेहता,हमिन्द्री देवी,बिमला देवी,सुदर्शना देवी,गोदावरी देवी,किरण भंडारी,माया देवी,हरदेई,शांता देवी आदि ने भाग लिया।
यूनियन अध्यक्षा नीलम जसवाल व महासचिव वीना देवी ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि कर्मियों की मांगों को लेकर यूनियन 24 सितंबर को देशव्यापी हड़ताल करेगी
इस क्रम मे शिमला, रामपुर, रोहड़ू, ठियोग,
बसंतपुर, सोलन, अर्की नालागढ़,पौंटा साहिब,शिलाई,सराहन,संगड़ाह,मंडी,जोगिन्दरनगर,सरकाघाट,करसोग,बंजार,आनी,झंडूता,हमीरपुर,नादौन,धर्मशाला,पालमपुर,देहरा,चम्बा,चुवाड़ी,ऊना,गगरेटआदि स्थानों पर योजनकर्मी प्रदर्शन करेंगे।
यूनियन की प्रदेश अध्यक्षा नीलम जसवाल व महासचिव वीना शर्मा ने कहा है कि आंगनबाड़ी कर्मी अपनी मांगों को लेकर 24 सितंबर को प्रदेशव्यापी हड़ताल करेंगे। इस दौरान आंगनबाड़ी कर्मी प्री प्राइमरी में नियुक्ति,इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने,सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य करने,वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक व ग्रेजुएशन पास की सुपरवाइजर में तुरन्त भर्ती करने,सरकारी कर्मचारी के दर्जे,हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन देने,रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष करने की मांग तथा नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साज़िश तथा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व पोषण ट्रैकर ऐप के खिलाफ आंदोलन करेंगे व प्रोजेक्ट स्तर पर प्रदर्शन करेंगे।

उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया व आंगनबाड़ी वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन और तेज़ होगा। उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापिस लेने की मांग की है क्योंकि यह आइसीडीएस विरोधी है। नई शिक्षा नीति में वास्तव में आइसीडीएस के निजीकरण का छिपा हुआ एजेंडा है। आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करने के लिए नंद घर की आड़ में निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस से भविष्य में कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में हुए पेंतालिसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन,ग्रेच्युटी,मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है।
उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 का नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत बकाया राशि का भुगतान तुरन्त करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए व उन्हें नियमित किया जाए।
