उन्होंने कहा कि मरीज कोे नियमित तौर पर अपने बुखार की हर 4 घंटे के बाद जांच कर उसे नोट कर लेना चाहिए। सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द होने पर मरीज को चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। आॅक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत से नीचे चला जाए तो डाॅक्टर को सूचित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग मरीज जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, फेफड़ों की पुरानी बीमारी, लीवर, गुर्दे की बीमारी, सेरेब्रोवास्कुलर रोग आदि से गस्त हो उन्हें चिकित्सा अधिकारी द्वारा जाचं के बाद ही होम क्वारन्टीन होने की अनुमति दी जानी चाहिए। कोमर्बिड मरीज द्वारा नियमित तौर पर ली जाने वाली दवाई को होम क्वारन्टीन के दौरान अपने डाॅक्टर्ज से सलाह लेने के बाद ही लेना जारी रखना चाहिए।
कोविड मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को मरीज की देखभाल के लिए हर समय उपलब्ध रहना चाहिए और देखभाल करने वाले व्यक्ति को डाॅक्टर से सलाह के बाद हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का प्रोफीलैक्सिस लेना चाहिए। मरीज के होम क्वारन्टीन की समयावधि के दौरान देखभालकर्ता और अस्पताल में निरन्तर संपर्क बना रहना चाहिए।