
श्रीमद्भागवत कथा हमें आत्मज्ञान, मोक्ष और ईश्वर से जुड़ने का मार्ग दिखाती है। : आचार्य अमित गंगेश्वर
बाघल टाइम्स
अर्की ब्यूरो (13 अक्तुबर) भागवत कथा एक आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है ! जिसमें मनुष्य को सत्य, धर्म और मोक्ष का मार्ग दिखाया जाता है। यह कथा भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं और उनके उपदेशों पर आधारित है, जिसे ‘श्रीमद्भागवत महापुराण’ के नाम से भी जाना जाता है।
यह प्रवचन आचार्य अमित गंगेशवर ने ग्राम पालोग मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिवस में कहे।

उन्होंने कहा कि कथा का मूल उद्देश्य व्यक्ति के भीतर छिपे विवेक, सच्चाई और आत्मा के वास्तविक स्वरूप को पहचानने में मदद करना है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि संसार में मोह-माया, अहंकार और अज्ञान से ऊपर उठकर आत्मज्ञान की ओर अग्रसर होना ही जीवन का परम ध्येय है।

उन्होंने कहा कि भागवत कथा के माध्यम से यह समझाया जाता है कि मनुष्य को अपने कर्मों को भगवान को अर्पित कर निष्काम भाव से धर्म का पालन करना चाहिए। यह कथा जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती है, जैसे कि प्रेम, भक्ति, त्याग, और सेवा।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत में वर्णित कथाएं जीवन की वास्तविकता को सरल और सुंदर ढंग से प्रस्तुत करती हैं, जिससे मनुष्य के भीतर सही और गलत का भेद करने की क्षमता, यानी विवेक, जाग्रत होती है। यह कथा हमें आत्मज्ञान, मोक्ष और ईश्वर से जुड़ने का मार्ग दिखाती है।