लापरवाही का यही आलम जारी रहा तो लॉकडाऊन जैसी बंदिशों के लिए भी तैयार रहना होगा। : मुख्यमंत्री

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27 April 2021

बाघल टाइम्स 

(शिमला)
कोरोना की डरावनी रफ्तार के बाद भी लोग शादियों में लापरवाही बरत रहे हैं। लापरवाही का यही आलम जारी रहा तो लॉकडाऊन जैसी बंदिशों के लिए भी तैयार रहना होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस पर हैरानी जताते हुए कहा कि सुबह से शाम तक लोग शादियों में 1000 मेहमान बुला रहे है। सुबह कुछ देर के लिए 50 लोग, फिर कुछ बाद दूसरे 50 लोग, उसके बाद और इतने ही लोग, इस तरह से शाम तक निर्धारित संख्या से कहीं अधिक लोग शादियों में आ रहे हैं जबकि सरकार ने अधिकतम 50 लोगों को ही विवाह समारोह में बुलाने की इजाजत दे रखी है। ऐसा करके लोग अपने परिवार, सगे-संबंधियों और पड़ोसियों की जान को खतरे में डाल रहे हैं।हैरानी इस बात की है कि स्थानीय शहरी निकायों और पंचायतों के कुछ जन प्रतिनिधि शादियों में लोगों की संख्या की निगरानी के काम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। जितनी अधिक संख्या में प्रदेश में शादी समारोह तय हैं, इस लिहाज से निगरानी की जिम्मेदारी प्रशासन पर ही छोड़ देना उचित नहीं है। कोई भी प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी दिनभर एक शादी में रुककर निगरानी नहीं कर सकता है। इसलिए जन प्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और शादी समारोह में लोगों की भीड़ पर पैनी नजर रखनी होगी।
राज्य के लगभग सभी कोविड अस्पतालों में अभी से बैड क्षमता पूरी हो गई है। इससे आने वाले दिनों में लोगों को उपचार भी नहीं मिल पाएगा। बीते साल भी अक्तूबर व नवम्बर महीने के दौरान शादियों में बरती गई लापरवाही का खमियाजा प्रदेश की जनता पहले ही भुगत चुकी है। इससे सबक लेते हुए 50 या इससे भी कम मेहमान शादी में बुलाने होंगे।
प्रोटोकॉल की अवहेलना करने वालों की प्रशासन को दें सूचना। शादियों में कोविड प्रोटोकॉल की अवहेलना करने वालों की सूचना प्रशासन को देनी होगी। यदि ऐसा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कोरोना की रफ्तार और भयावह हो जाएगी।
सोशल मीडिया पर लापरवाही के सबूत
सोशल मीडिया में शादियों की धूम के वीडियो देखे जा सकते हैं। इनमें अधिकतर लोग बिना मास्क झूमते हुए देखे जा सकते हैं। महामारी के दौर में यह समझदारी नहीं है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि महामारी को देखते हुए प्रदेश वासियों से अपील है कि शादी में तय संख्या से अधिक लोग न बुलाएं। किसी को भी दूसरे की जान संकट में डालने का अधिकार नहीं है। इसलिए शादियों में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें।

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