प्रदेश सरकार ने अब नए टेंडर करने पर लगाई रोक भी हटाई
बाघल टाइम्स
शिमला ब्यूरो (20 फरवरी) हिमाचल सरकार ने बजट से ठीक पहले जल शक्ति विभाग में छोटी राशि के टेंडर लगाने पर लगाई रोक को हटा दिया है। अब जल शक्ति विभाग में पांच लाख रुपए से कम के टेंडर हो सकेंगे।


इसके अलावा अब नये टेंडर करने के लिए भी सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ ने अपने सभी चीफ इंजीनियर्ज को इस बारे में सूचना भेज दी है। विभाग अब टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर पाएगा। हालांकि राज्य सरकार ने लैटर ऑफ क्रेडिट यानी एलओसी पर लगी रोक को अभी हटाया नहीं है। इससे पहले हो चुके काम की ठेकेदारों को पेमेंट नहीं हो रही है।
यह एलओसी कब बहाल होगी? यह अब बजट में ही पता लगेगा। जल शक्ति विभाग को दी गई मंजूरी भी सिर्फ टेंडर की है, जबकि एलओसी के लिए कहा गया है कि अभी इसे रिस्टोर नहीं किया गया है।
यह रोक पीडब्ल्यूडी के लिए भी थी। इससे पुराने कामों का भुगतान नहीं हो पा रहा है, लेकिन राहत की बात यह है कि कम से कम विभाग अब पांच लाख तक की लागत के टेंडर कर सकेगा। लोक निर्माण विभाग को टेंडर को लेकर यह अनुमति पहले ही दे दी गई थी। राज्य में सरकार बदलने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने टेंडर की अवधि को आधे से भी कम कर दिया है। सभी विभागों को लक्ष्य दिए गए हैं कि मंजूरी मिलने के 20 दिन के भीतर टेंडर होने चाहिए। टेंडर की प्रक्रिया सभी विभागों के लिए कम अवधि की कर दी गई है, लेकिन नए काम शुरू करने से पहले अब भी सबसे बड़ी दिक्कत एफसीए केस की मंजूरी में लग रहा समय है। वन विभाग को सरकार की ओर से निर्देश गए हैं और अब अधिकारियों के स्तर पर जिम्मेदारी तय करने की स्थिति भी आ रही है।