
बाघल टाइम्स नेटवर्क
01 मार्च / राज्य के सरकारी स्कूलों में कितने बीएड और टेट पास शास्त्री शिक्षक हैं, इसका डाटा प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने मांगा है। इस बारे में सभी स्कूल प्रिंसीपल को डिप्टी डायरेक्टर की ओर से डिटेल मांगी गई है कि स्कूलों में तैनात शिक्षकों की पूरी लिस्ट डिटेल सहित भेजी जाए। इसमें अब शास्त्री शिक्षकों को सरकार वन टाइम सेटलमेंट का तोहफ देना चाहती है, यानि सालों से जो शास्त्री शिक्षक प्रोमोशन का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें एक ही बार राहत देकर छूट दी जाए। ऐसे में इन सभी शिक्षकों की जानकारी मांगी गई है। इसमें शास्त्री और एलटी दोनों कैटेगरी में शिक्षकों की डिटेल देनी होगी। गौर रहे कि राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षक लंबे समय प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं।

इसके साथ अब दूसरा मुद्दा भाषा और एलटी शिक्षकों को टीजीटी पदनाम दिए जाने का भी है। लंबे समय से शिक्षकों का ये मुददा चर्चा में है और शिक्षा मंत्री सहित अन्य अधिकारियों से लगातार मांग उठाई जा रही है कि इन अध्यापकों को टीजीटी पदनाम दिया जाए। डिप्टी डायरेक्टर प्रारंभिक शिक्षा भागचंद चौहान ने कहा है कि स्कूलों से इन शिक्षकों का डाटा मांगा गया है, ताकि इनका मामला प्रदेश सरकार को भेजा जा सके। प्रदेश में शास्त्री शिक्षकों की संख्या पांच से छह हजार है और काफी समय से इनकी प्रोमोशन भी नहीं हुई है। यदि इन शिक्षकों को टीजीटी पदनाम दिया जाता है तो वे शिक्षक जो केवल जमा दो पास है उन्हें इसके दायरे में नहीं लिया जा सकता। दूसरा 20 साल की सेवा के बाद मिलने वाली दो इन्क्रीमेंट का भी इन शिक्षकों को फायदा नहीं मिल पाएगा। ऐसे में सरकार को उन शिक्षकों के बारे में भी सोचना होगा, जो केवल जमा दो पास हैं और टीजीटी पदनाम मिलने से वे इस दायरे से बाहर हो जाएंगे। टीजीटी पदनाम देने के लिए इन तकनीकी कारणों पर भी सरकार को जाना होगा।
