
प्रदेश उच्च न्यायालय ने अर्की जयनगर के पट्टा का पैट्रोल पम्प किया रद्द
बाघल टाइम्स

शिमला ब्यूरो (09 जुलाई) हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने उपमंडल अर्की के गांव पट्टा (जयनगर) में भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन द्वारा आबंटित पैट्रोल पंप को रद्द कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश एम.एस. रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने प्रतिवादियों पर 40 हजार की कॉस्ट (जुर्माना) भी लगाई ।

प्रदेश हाईकोर्ट ने पैट्रोल पंप के लिए दर्शाई गई जमीन के मालिकाना स्थिति संबंधी जानकारी छुपाने पर प्रतिवादी को जारी आशय पत्र को रद्द कर दिया। भारत पैट्रोलियम सहित 4 प्रतिवादियों को 10 हजार रुपए के हिसाब से कोर्ट द्वारा लगाई गई कॉस्ट याचिकाकर्त्ता को देनी होगी।
मामले के अनुसार 25 नवम्बर 2018 को भारत पैट्रोलियम ने जयनगर के पट्टा गांव में पैट्रोल पंप स्थापित करने हेतु आवेदन आमंत्रित किए थे। अन्य पिछड़ा वर्ग के पात्र आवेदनकर्त्ताओं में लॉटरी के माध्यम से यह पैट्रोल पंप स्थापित किया जाना था। आवेदन की अंतिम तिथि 25 दिसम्बर, 2018 रखी गई थी। याचिकाकर्त्ता और निजी प्रतिवादी ने बतौर ओ.बी.सी. ऑनलाइन इस पैट्रोल पंप के लिए आवेदन किया।
लॉटरी में निजी प्रतिवादी का नाम निकला और उसे 21 सितम्बर 2019 को पैट्रोल पंप स्थापित करने का आशय पत्र सौंपा गया। पैट्रोल पंप को पाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी छुपान की शिकायत करते हुए प्रार्थी ने प्रतिवादी को जारी आशय पत्र को रद्द करने की गुहार लगाई थी ।
प्रार्थी का आरोप था कि निजी प्रतिवादी ने जमीन के मालिकाना हक की बात छिपाई। उसने जिस भूमि की जानकारी अपने आवेदन में दी थी वह संयुक्त मालिकों की भूमि थीं जबकि आवेदन में केवल एक ही मालिक द्वारा भूमि बेचने का अनुबंध लगाया गया था।
इतना ही नहीं प्रतिवादी ने दिवानी अदालत में भूमि से जुड़े विवाद के लंबित होने की जानकारी भी आवेदन में नहीं दी थी। कोर्ट ने प्रार्थी की दलीलों से सहमति जताते हुए पैट्रोल पंप स्थापित करने के लिए जारी आशय पत्र को खारिज कर दिया। कोर्ट ने भारत पैट्रोलियम को याचिकाकर्त्ता के आवेदन पर 6 सप्ताह के भीतर विचार करने के आदेश भी दिए।