पंचायत का यह अपने स्तर का फैसला है। नशाबंदी के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। इस तरह के उदाहरण नशे के खिलाफ छेड़े अभियान में सार्थक साबित होंगे। जिले में ऐसी दर्जनों पंचायतें हैं, जहां नशाबंदी के प्रस्ताव पारित किए गए हैं। ऐसी पंचायतों में मामले सामने आने पर कार्रवाई भी होनी चाहिए।