
16 May 2021
बाघल टाइम्स

शिमला
कोरोना काल को अवसर बनाकर बंगाणा के नरेश कुमार ने छह माह में 3.5 टन शहद उत्पादन कर लाखों रुपये कमाए। वर्ष 2019 में नरेश कुमार ने मुख्यमंत्री मधु विकास योजना का लाभ उठाकर मधुमक्खी पालन का कार्य आरंभ किया था।

शुरूआत में वह 50 बॉक्स के साथ मधुमक्खी पालन से जुड़े और आज उनके पास 180 बॉक्स हैं। नरेश कुमार ने बताया कि मधुमक्खी पालन का कार्य करने के लिए उन्हें प्रदेश सरकार से 1.80 लाख रुपये उपदान के रूप में भी मिले और उन्हें सिर्फ 50 हजार रुपये का निवेश करना पड़ा। पिछले छह माह में ही उन्होंने 3.5 टन शहद का उत्पादन किया है।
शहद को बेचने के लिए भी उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। डेरा बस्सी की एक कंपनी के साथ उन्होंने अनुबंध किया है, जो 120-130 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर उनसे शहद की खरीद करती है। नरेश कुमार दूसरे बेरोजगार युवाओं को भी मुख्यमंत्री मधु विकास योजना का लाभ लेकर इस व्यवसाय से जुड़ने की सलाह दे रहे हैं।
बागवानी विभाग के उप-निदेशक डॉ. केके भारद्वाज ने बताया कि जिले में प्रति वर्ष 35 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन होता है और लगभग 35 परिवार इस व्यवसाय से जुड़कर आजीविका कमा रहे हैं। विभाग मौन पालकों की हर प्रकार से सहायता करता है। उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करता है और मधुमक्खी पालन में आने वाली हर समस्या का निवारण भी किया जाता है।