
बाघल टाइम्स
अर्की

(25मई) दुनिया भर मे फैली कोविड महामारी के इस दौर में कुछ स्वयंभू उपभोगी किसान नेताओं ने 26 मई 2021 को काला दिवस मनाने की घोषणा की है । जिसका भारतीय किसान संघ पुरजोर विरोध करता है। वर्तमान समय मे देश ही अपितु विश्व के अधिकांश देश कोविड महामारी से जूझ रहे है। यह बात प्रेम दत्त शास्त्री,जिला अध्यक्ष,भारतीय किसान संघ ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर मे प्रतिदिन हजारों लोगों की जान जा रही है। ऐसे कठिन समय मे देश हित से जुड़े कई किसान संगठन लोगों का जीवन बचाने,अन्न की व्यवस्था सहित लोगों का उपचार करने मे जुटे हुए है और दिन रात सरकार व प्रशासन की सहायता मे खड़े दिखाई देते है। लेकिन ऐसी विकट परिस्थिति मे दिल्ली मे डेरा डाले कुछ स्वयंभू नेता भोले भाले किसानों की भीड़ एकत्रित करके कोरोना के विस्तार मे आंदोलन कर रहे है। इन्हे इसमें किसानों का हित कहाँ दिखाई दे रहा है ?

उन्होंने कहा कि ये स्वयंभू नेता किसानों को महामारी के फैलाव के लिए दोषी ठहराना चाहते है। इन स्वयंभू नेताओं के कुकृत्यों से किसान बिल्कुल भी प्रसन्न नहीं है। इन नेताओं के कार्य किसान हित मे नहीं अपितु राष्ट्र के विरोध मे ही दिखाई देते है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के कठिन समय मे कभी ये नेता किसान आंदोलन के नाम पर आक्सीजन के वाहनों को रोककर कोरोना पीड़ितों को मरने के लिए विवश करते है,तो कभी रक्तदान शिविर का विरोध करते है। यही नहीं हिसार मे कोविड अस्पताल का विरोध करना भी इन्हे राष्ट्र विरोधी करार देता है।
26 जनवरी 2021 को राष्ट्र ध्वज का अपमान कर इन लोगों ने अपनी राष्ट्र विरोधी मनसा पहले ही जाहिर कर दी है। ऐसी विकट परिस्थिति मे भारतीय किसान संघ देश के सभी किसान भाइयों से ये अपील करता है की देश के लोगों की सुरक्षा को खतरे में ना डाले। घर मे रहे सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि यह समय भीड़ जुटाने का नहीं है,बल्कि सभी को कोविड नियमो का पालन करना चाहिए।उन्होंने कहा कि भारतीय किसान संघ इस काले दिवस का समर्थन नहीं करता है