
बाघल टाइम्स
शिमला ब्यूरो (30अगस्त ) ततीमा, जमाबंदी और समय पर जमीन की डिमार्केशन न किए जाने पर प्रदेश सरकार ने सख्ती दिखाई है। सरकार ने सभी उपायुक्तों को डीओ नोट जारी कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। लोगों ने सरकार को शिकायतें की हैं कि तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी ततीमा, डिमार्केशन और जमाबंदी जैसे काम करने के लिए उन्हें लंबी तारीखें दे रहे हैं। कारणवश उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
सरकार ने उपायुक्तों से इसका 15 दिन के भीतर कारण पूछा है। लोगों को ततीमा, जमाबंदी उपलब्ध कराने का काम पटवारी का है, जबकि डिमार्केशन कानूनगो और तहसीलदार करते हैं। उपायुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि जिन अधिकारियों ने लोगों को डिमार्केशन की लंबी तारीखें दे रखी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई कर सरकार को सूचित करें।
सरकार ने 15 दिन के भीतर उपायुक्तों को स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। सरकार को शिकायतें मिली है कि पटवारी और कानूनगो पटवार खाना और सर्कल में नहीं बैठ रहे हैं। लोग 10 बजे से लेकर इनका इंतजार करते रहते हैं। कई कानूनगो ने लोगों को दो से तीन महीने की डिमार्केशन करने की तारीखें दे रखी हैं।
कई को यह कहकर टाला गया है कि बरसात में डिमार्केशन नहीं की जा सकती। इन सभी शिकायतों को देखते हुए सरकार ने सख्ती दिखाई है। सरकार ने कहा है कि कई जगह सुगम केंद्रों में जमाबंदी दी जाती है, लेकिन इसमेें छोटी-मोटी दुरुस्ती करनी होती है। वहीं प्लाट का ततीमा बनाने मेें 5 से 10 मिनट का समय लगता है।
शिकायत मिल रही है कि लोगों के जमीन की डिमार्केशन नहीं की जा रही है। ततीमा और जमाबंदी के लिए भी लोगों को पटवार सर्कल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कई पटवारी कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं। लोगों को टालने का काम किया जा रहा है। इसके चलते डीसी को डीओ नोट जारी किए हैं। – ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व
