
14 April 2021
बाघल टाइम्स
नगर निगम शिमला द्वारा शहर की जनता की गाढ़ी कमाई से शहर से बाहर प्रायोजित सामान पर इस प्रकार का खर्च करना न तो न्यायुचित है न ही कानूनी रूप से इस प्रकार का खर्च कर किसी को उपहार दे सकती है।
बीजेपी शासित नगर निगम शिमला एक ओर आर्थिक संकट का हवाला देकर जनता पर पानी, कूड़ा उठाने की फीस, प्रॉपर्टी टैक्स व अन्य करों में निरंतर वृद्धि कर जनता पर बोझ लाद रही है। वंही दूसरी ओर साजो सामान प्रायोजित कर शहर से बाहर भेजकर लाखो रुपये इस प्रकार से फजूलखर्च कर रही है।
कानूनी रूप से भी नगर निगम शिमला का कार्यक्षेत्र केवल नगर निगम शिमला की सीमा है इससे बाहर ख़र्च करने व सामान प्रायोजित करने के लिए यह अधिकृत नहीं है। स्वभाविक रूप से सरकार के दबाव में आकर नगर निगम इस प्रकार के अनाधिकृत कार्य कर रही है। इसके लिए सरकार में शहरी विकास मंत्री व शहर के विधायक को भी जवाबदेही देनी होगी क्योंकि वह नगर निगम के सहयोगी सदस्य भी है।

सी पी आई एम मांग करती है कि जो भी नगर निगम को इस आर्थिक क्षति के लिए दोषी है उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाए और शहर की जनता को भी सच्चाई से अवगत करवाया जाए कि यह अनाधिकृत कार्य किसके दबाव में किया गया है।
