
बाघल टाइम्स
शिमला ब्यूरो (19नबम्बर) सहकारी समितियां ग्रामीण क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के साथ-साथ सरकार द्वारा चलाई जा रही सार्वजनिक वितरण योजना, उर्वरक और कृषि उपकरणों के वितरण के प्रभावी कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 68वें अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह के अवसर पर ऊना विधानसभा क्षेत्र के मैहतपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को सम्बोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि वर्ष 1892 में ऊना के पंजावर गांव में भारत की पहली सहकारी समिति का गठन हुआ। उन्होंने राज्य के लोगों से सहकारिता आंदोलन में समर्पण के साथ योगदान देने का आग्रह किया, ताकि राज्य सहकारिता के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना सके। उन्होंने कहा कि सहकारिता सप्ताह का विषय सहकारिता से समृद्धि है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 4843 विभिन्न प्रकार की सहकारी समितियां कार्यरत हैं, जिनमें 17.03 लाख सदस्यों के पास 490 करोड़ रुपये के शेयर, 32788 करोड़ रुपये कोलेट्रल और 42863.49 करोड़ रुपये कार्यशील पूंजी के रूप में हैं।
जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम द्वारा अनुमोदित ऊना जिले के लिए 25.09 करोड़ रुपये की एकीकृत सहकारी विकास परियोजना का भी शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि इस एकीकृत सहकारी परियोजना के क्रियान्वयन से जिले की 378 विभिन्न प्रकार की सहकारी संस्थाओं को अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, बुनियादी ढांचे के निर्माण, गोदामों के निर्माण और मरम्मत और उनकी कार्यशील पूंजी बढ़ाने के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सहकारिता के महत्व को समझते हुए सहकारिता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने 116 करोड़ रुपये लागत की 45 परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन सभी परियोजनाओं से क्षेत्र के विकास में तेजी आएगी।।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी के समय में भी राज्य ने यह सुनिश्चित किया कि विकास की गति निर्बाध चलती रहे। उन्होंने कहा कि पीजीआई का 450 करोड़ रुपये का सैटेलाइट केन्द्र, इंडियन आॅयल का 550 करोड़ रुपये का डिपू, ऊना में 35 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक बस अड्डा, 20 करोड़ रुपये का मातृ शिशु अस्पताल ऊना आदि परियोजनाओं को क्षेत्र के लोगों को समर्पित किया। उन्होंने पिछली सरकार पर राज्य के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया जबकि दूसरी ओर वर्तमान राज्य सरकार प्रदेश और लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हिमकेयर, सहारा योजना, शगुन योजना जैसी योजनाएं जरूरतमंद और पात्र लोगों के लिए वरदान साबित हुई हैं, लेकिन यह सब विपक्ष को उपलब्धि नहीं लगती क्योंकि उनके लिए उपलब्धियां करोड़ों रुपये के घोटाले हैं।