कोरोना महामारी की परीक्षा की घड़ी मे आशा की किरण बना योग : मुख्यमंत्री


 

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बाघल टाइम्स

शिमला(21जून)

योग न केवल मानव को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है बल्कि यह शरीर और आत्मा के मध्य सन्तुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां पीटरहाॅफ में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस-2021 के अवसर पर प्रदेश के आयुष विभाग द्वारा वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस-2021, योगा फोर वैल बींग विषय पर आधारित है, जो कि कोरोना महामारी के इस कठिन समय में बहुत प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी न केवल एक आपदा है, बल्कि इस महामारी ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाला है। कोरोना महामारी के प्रतिबन्धों और इससे हुई क्षति के कारण लोग अवसाद और चिन्ता से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अपनी वैबासइट पर बताया है कि योग लोगों को इस तरह के संकटों से निपटने में सहायक सिद्ध होता है। यह सन्देश लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस का विचार वर्ष 2014 में सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में प्रस्तावित किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सम्बोधन में कहा था कि योग भारत की प्राचीन परम्परा का अमूल्य उपहार है। उन्होंने योग के माध्यम से मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य का आहवान किया और उनकी इस पहल को 177 देशों का समर्थन मिला था, जो संयुक्त राष्ट्र के इस प्रकार के प्रस्ताव के लिए सह-प्रायोजकों की सबसे अधिक संख्या थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में योग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा की आयुष विभाग ने आर्ट आॅफ लिविग, योग भारती, विवेकानंद योग केंद्र आदि के सक्रिय सहयोग से इस वर्ष 14 मई को नए कार्यक्रम आयुष घर-द्वार का शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कोरोना मरीजों और अन्य लोगों को वर्चुअल माध्यम से योग और प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया।

जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर लोगों को वर्चुअल माध्यम से योग के प्रति प्रेरित करने के लिए आर्ट आफ लिविग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर का आभार व्यक्त किया।

स्वास्थ्य मंत्री डा. राजीव सैजल ने कहा कि प्रतिस्पर्धात्मक और तनाव भरे इस समय में योग शरीर और मस्तिष्क को राहत पहुचाने का एक उपयुक्त माध्यम बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि आयुष धर-द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत 1327 समूह गठित किए गए हैं। जिनके माध्यम से 53000 से अधिक लोगों को योग और प्राणायाम के लिए प्रेरित किया गया है।

आर्ट आॅफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने राज्य में योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि योग न केवल स्वस्थ और सुदृढ़ समाज के निर्माण में सहायता करता है, बल्कि सौहार्द को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवी-देवताओं की भूमि है और प्रदेश को स्वस्थ एवं समृद्ध राज्य बनाने के प्रयास जारी रखने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने टीकाकरण अभियान में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने चिकित्सकों, अन्य पैरामेडिकल कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का कोरोना महामारी के दौरान प्रतिबद्धता से कार्य करने के लिए आभार व्यक्त किया।

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