
कुनिहार खंड की प्रधान/उपप्रधान परिषद ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
बाघल टाइम्स
कुनिहार ब्यूरो (08 अप्रैल) विकास खंड कुनिहार के पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार के प्रति भारी आक्रोश जताया है। प्रधान/उपप्रधान परिषद कुनिहार ने एक सुर में सरकार के उस आदेश का विरोध किया है, जिसमें पंचायतों से निर्माण सामग्री खरीदने की शक्तियां छीनकर विकास खंड स्तर पर एक समिति को सौंप दी गई हैं। परिषद ने इस फैसले को पंचायत व्यवस्था की आत्मा पर कुठाराघात करार देते हुए मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है।

परिषद के अध्यक्ष रूप सिंह ठाकुर की अगुवाई में भेजे गए ज्ञापन में साफ कहा गया है कि वर्षों से पंचायतें निर्माण कार्यों के लिए स्वयं निविदाएं आमंत्रित करती आ रही हैं और न्यूनतम दरों पर पारदर्शिता से सामग्री खरीद रही थीं। अब यह काम विकास खंड स्तर की समिति के हवाले करना न केवल अव्यवस्था को जन्म देगा, बल्कि इससे भ्रष्टाचार और पक्षपात की संभावना भी बढ़ेगी।

ज्ञापन में मनरेगा के तहत 20 से अधिक विकास कार्यों पर लगाई गई पाबंदी को भी जनविरोधी बताया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा है कि इससे गरीब किसानों के छोटे-मोटे निजी विकास कार्य भी ठप हो जाएंगे। उन्होंने इस आदेश को तुरंत रद्द करने की मांग की है।
इतना ही नहीं, बीपीएल सूची बनाने की प्रक्रिया को लेकर भी परिषद ने सरकार पर निशाना साधा है। परिषद का कहना है कि अप्रैल में ही गरीब छात्रों को स्कूलों, कॉलेजों और तकनीकी संस्थानों में बीपीएल प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है, ऐसे में इस प्रक्रिया को वित्त वर्ष के अंत में नहीं, मार्च में ही पूरा किया जाना चाहिए था।
पंचायत प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने समय रहते इन जनविरोधी आदेशों को वापस नहीं लिया तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। ज्ञापन की प्रतिलिपि पंचायती राज मंत्री, सचिव और निदेशक को भी भेजी गई है।