मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के लिए 20 किलोलीटर आॅक्सीजन क्रायोजेनिक टैंक स्थापित करने के लिए भी प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इस तरह के दो टैंक आईजीएमसी शिमला और डाॅ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सीएसआर के अन्तर्गत अधिक से अधिक आॅक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाने के भी प्रयास किए जाने चाहिए।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य के सभी 200 बिस्तरों और उससे अधिक बिस्तरों की क्षमता वाले अस्पतालों में आॅक्सीजन की सुविधा को कई गुणा बढ़ाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार के लक्षण वाले मरीजों की पहचान करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि उनकी शीघ्र जांच की जा सके और उसकेे अनुसार उपचार उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने राज्य में कोविड-19 प्रबंधन के लिए बेहतर तंत्र शुरू करने की आवश्यकता भी महसूस की। उन्होंने कहा कि इस वायरस की गंभीरता के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षमता बढ़ाने और वायरस के कारण मृत्यु दर कम करने के लिए पूर्ण योजना तैयार की जानी चाहिए। उन्होंनेे कहा कि विशेषकर हमीरपुर और ऊना जिलों में अतिरिक्त सुविधाएं सृजित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए एम्स बिलासपुर के अधिकारियों के साथ मामले को उठाया जाए।
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा, स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी, एनएचएम के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल, विशेष सचिव अरिंदम चैधरी, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं डाॅ. बी.बी. कटोच, प्रधानाचार्य आईजीएमसी रजनीश पठानिया, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक आईजीएमसी डाॅ. जनक राज और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।