
अर्की के साई, बलेरा में निरंकारी मिशन ने चलाया जल स्वच्छता अभियान।
बाघल टाइम्स
जयनगर ब्यूरो : ( 23 फरवरी ) अर्की उपमंडल की ग्राम पंचायत साई व बलेरा में संत निरंकारी मिशन ‘प्रोजेक्ट अमृत’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ परियोजना के तृतीय चरण का शुभारंभ सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं सत्कार योग्य निरंकारी राजपिता रमित जी के सान्निध्य में पूरे भारत वर्ष के 1600 स्थानों पर जल स्त्रोतों की सफाई की गई।
इसके साथ ही रविवार 23 फरवरी को जोन न० 5ए० सोलन व सिरमौर की 27 ब्रांचों में से ब्रांच अर्की व बलेरा में स्वयंसेवकों के सहयोग से साई और बलेरा ग्राम पंचायत की 6 बावड़ियां प्राकृतिक जल स्रोतों की सफाई की गई।

यह जानकारी ब्रांच अर्की के मुखी महात्मा गरीब दास एवं ब्रांच बलेरा के मुखी इंचार्ज रमेश चन्द ने सांझा करते हुए कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य जल संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है, ताकि भावी पीढ़ियों को निर्मल जल और स्वस्थ पर्यावरण का वरदान प्राप्त हो सके।
इस अभियान में सैकड़ों सेवादल भाइयों, बहनों, बच्चों, युवाओं, साध संगत के संतों संग समाज के स्थानीय लोगों ने भरपूर सहयोग दिया।

बावड़ियों की सफाई उपरांत जागरूक रैली के माध्यम से जनता को निरंकारी मिशन का संदेश भी दिया गया।
संत निरंकारी मिशन ने बाबा हरदेव सिंह महाराज की प्रेरणादायक शिक्षाओं को आत्मसात करते हुए वर्ष 2023 में संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का शुभारंभ किया था। इस दिव्य पहल का उद्देश्य केवल जल स्रोतों की स्वच्छता सुनिश्चित करना ही नहीं, बल्कि जल संरक्षण को मानव जीवन का अभिन्न अंग बनाने की सोच को विकसित करना है।
नदियों, झीलों, तालाबों, कुओं और झरनों जैसे प्राकृतिक जल स्रोतों की स्वच्छता एवं संरक्षण को समर्पित इस महाअभियान ने अपने पहले दो चरणों में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की।
इसी प्रेरणा के साथ, इस वर्ष तृतीय चरण को और अधिक व्यापक, प्रभावी एवं दूरगामी दृष्टि से आगे बढ़ाया गया है, ताकि यह अभियान निरंतर विस्तार पाकर समाज में जागरूकता, सेवा और समर्पण की एक सशक्त लहर उत्पन्न करे।
संत निरंकारी मंडल के सचिव जोगिंदर सुखीजा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वृहद अभियान देशभर में 27 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 900 से अधिक शहरों में 1600 से भी अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किया गया।
इस महाअभियान की यह अभूतपूर्व व्यापकता इसे एक ऐतिहासिक स्वरूप प्रदान करेगी, जिससे जल संरक्षण एवं स्वच्छता का संदेश और अधिक प्रभावशाली रूप से जन-जन तक पहुंचेगा।
यह अभियान उसी संकल्प का एक साकार स्वरूप है, जो समाज को जागरूकता, सेवा और समर्पण की दिशा में आगे बढ़ाने का कार्य करेगा।