
बाघल टाइम्स
शिमला ब्यूरो (05 नवम्बर) धामी (हलोग) में होने वाला पत्थर मेला इस बार भी रस्म अदायगी तक सिमटकर रह गया। कोरोना की बंदिशों के चलते इस बार भी पत्थरों का खेल तो नहीं हुआ, लेकिन रस्म पूरी करने के लिए पत्थर फेंके गए। धामी राज परिवार के उत्तराधिकारी जगदीप सिंह ने मां भद्रकाली का तिलक कर इस रस्म को पूरा किया। शुक्रवार (आज) को धामी राज परिवार के उत्तराधिकारी जगदीप सिंह ने मां भद्रकाली का तिलक कर इस रस्म को पूरा किया। मेला स्थल पर न दुकानें सजीं, न ही भीड़ जुटी। तीन बजे परंपरा के अनुसार राज दरबार स्थित नरसिंह देवता और देव कुर्गण के स्थान पर पूजा-अर्चना के बाद ढोल-नगाड़ों के साथ शोभायात्रा पत्थर का खेल स्थल खेल का चौरा तक निकली।

करीब साढ़े तीन बजे करीब 50 से 60 लोगों के साथ यह शोभायात्रा भद्रकाली के मंदिर पहुंची। यहां पूजा की गई, उसके बाद खेल का चौरा में सती का शारड़ा स्मारक पर पहुंचने के बाद राज परिवार धामी के उत्तराधिकारी राजा जगदीप सिंह देव कारिंदों के साथ पूजा-अर्चना की। सांकेतिक रूप से एक छोर से दूसरे तक पत्थर फेंके गए। इसके बाद जगदीप सिंह ने चाकू से हाथ पर कट मारकर खून निकाला। इसके बाद भद्रकाली के निशान पर मानव रक्त से तिलक करने की रस्म को पूरा किया।
