
बघाल टाइम्स
अर्की ब्यूरो (06दिसम्बर) प्रदेश भर में शारीरिक शिक्षकों के खाली पदों का मामला लगातार ज्वलन्त मूद्दा बनता जा रहा है । माध्यमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक का पद लुप्त हो चुका है । वहीं डीपीई के 380 पद भी वरिष्ठ विद्यालयों में रिक्त पड़े हैं । प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शारीरिक शिक्षक संघ खण्ड अकीं इकाई के प्रधान भास्करानन्द ठाकुर ने बताया कि विद्यालय में शिक्षा का आधार अनुशासन है । जिसके बिना किसी भी अन्य माध्यम से विद्या ग्रहण एवं जीवन में उन्नति करने में सक्षम नहीं हो सकते।
माध्यमिक विद्यालय के बच्चे छात्र जीवन में शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों से गुजरते हैं । उस समय जहां अनेक खेलों से वे शारीरिक सुदृढ़ बनते हैं वहीं परस्पर स्पर्धा एवं सहयोग भावना भी विकसित होती है । लेकिन विडम्बना है कि माध्यमिक विद्यालय से शारीरिक शिक्षक का पद ही गायब है। एक ओर जहां फिट इण्डिया मूवमेंट , योग से निरोग तथा खेलों की ओर अभिरूचि की योजनाएं बनती हैं। लेकिन उन्हें बिना शिक्षक के सार्थक करना समझ से परे है।

ठाकुर ने कहा कि शारीरिक शिक्षक का कार्य केवल प्रार्थना सभा करवाना या छात्रों को पङ्क्ति बद्ध करना ही नहीं होता बल्कि छात्र के सर्वाङ्गीण विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण शारीरिक शिक्षक ही होता है।
उन्होंने कहा कि सरकार धरातल पर शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए शारीरिक शिक्षकों को विद्यालय तक पहुंचाए ।

Nice Post,
सभी स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों व DPE के पद भरने चाहिए