अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ शिमला के फेस्टिवल डायरेक्टर पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि कंडा जेल में कैदियों के लिए पहले भी कई तरह के मनोरंजन परक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जेल में समय बिताने के बाद बाहर निकलकर कैदी एक अच्छा इंसान बने इसके लिए उसे जेल में भी सकारात्मक माहौल मिलना चाहिए। जेल के तनाव से बाहर आने के लिए अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली अवार्ड विनिंग फिल्में एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती हैं।