प्रदेश के हस्तशिल्प में 50 सालों में आया ऐतिहासिक बदलावः मुख्यमंत्री


image

बाघल टाइम्स

शिमला ब्यूरो (26सितंबर) मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संकट के दौरान पर्यटन व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुआ और हथकरघा व्यवसाय भी इससे अछूता नहीं रहा है। प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा शिल्पकार हैं जिन्हें परोक्ष रूप से नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में कोविड का बेहतर प्रबंधन किया गया और मरीजों को आॅक्सीजन व बिस्तरों की कमी नहीं आने दी गई। उन्होंने आॅक्सीजन आपूर्ति को 45 मीट्रिक टन तक बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सौ फीसदी पात्र आबादी को कोरोना की पहली डोज प्रदान करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। उन्होंने कहा कि दूसरी डोज प्रदेश के 47 प्रतिशत लोगों को प्रदान की जा चुकी है और नवम्बर अंत तक सौ फीसदी आबादी को दोनों डोज देने के लिए भी प्रदेश देश का पहला राज्य बनेगा। प्रदेश के लिए बुनकर सेवा व डिजाईन रिसोर्स केन्द्र प्रदान करने की उनकी मांग को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया।

इससे पहले, केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री के साथ अटल टनल, रोहतांग का दौरा किया।

केन्द्रीय मंत्री तथा मुख्यमंत्री ने बुनकरों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर हथकरघा व हस्तशिल्प पर एक लघु वृतचित्र भी दिखाया गया जिसमें जिला में इस क्षेत्र में हुई प्रगति का उल्लेख किया गया है।

डाॅ. सूरत ठाकुर ने हमारे लोक गीतों में हस्तशिल्प विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए जिसकी केन्द्रीय मंत्री ने सराहना की।

शिक्षा, कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में विकास का माॅडल बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुल्लू जिला की पहचान यहां की खूबसूरती, देव संस्कृति तथा हस्तशिल्प से है।

इस अवसर पर हथकरघा व हस्तशिल्प पर एक लघु वृतचित्र भी दिखाया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!