
बाघल टाइम्स
शिमला ब्यूरो(02 अगस्त) मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शोकोद्गार प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि वीरभद्र सिंह हिमाचल ही नहीं, बल्कि देश की राजनीति में भी बड़ा नाम थे। हिमाचल को विकास की दृष्टि से आगे बढ़ाने में उनका बहुत योगदान रहा है। वीरभद्र सिंह को जो कहना होता था, कह देते थे। जो नहीं कहना होता था, वह नहीं कहते थे। स्थान और समय के हिसाब से अपनी बात कहते थे। उनसे यह सब सीखा। उनका देहांत एक बड़ी क्षति है।

जयराम ने सोमवार को सदन में वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह सार्वजनिक जीवन में सरल और सहज तरीके से अपनी बात कहते थे। बहुत बेहतरीन तरीके से बात रखते थे। यहां सदन में आमने-सामने बैठते थे। आदमी को साथ चलाना उन्हें आता था। जयराम बोले, वीरभद्र के साथ उनके राजनीतिक मतभेद रहे। वह व्यक्तिगत रूप से उनसे स्नेह करते थे। सबसे बड़ी बात यह है कि लोगों के बीच रहकर उन्होंने अपना स्थान बनाया।
मजबूती के साथ वह जमीन पर खड़े रहे। स्थानीय विधायक होने के नाते वीरभद्र सिंह का एक बार स्वागत किया तो वहां से जाने की बात करने लगे तो वीरभद्र सिंह हाथ से पकड़कर साथ ले गए एक उद्घाटन समारोह में। मंच से बोलने का भी मौका दिया।

जंजैहली में वीरभद्र सिंह ने जमकर तारीफ मंच से की। उनके पंडित सुखराम से संबंधों की बात करें तो वह कटुता ज़ाहिर नहीं होने देते थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।