प्रकृति के संरक्षण में ही पृथ्वी की रक्षा निहित- डॉ. सैजल ,बाहरा विश्वविद्यालय में ‘कीप हिमाचल क्लीन एण्ड ग्रीन’ कार्यक्रम का शुभारम्भ


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बाघल टाइम्स

सोलन ब्यूरो (19जुलाई) स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा आयुष मन्त्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि प्रकृति और मानव का सम्बन्ध शाश्वत है तथा प्रकृति के संरक्षण में ही पृथ्वी की रक्षा निहित है। डॉ. सैजल आज सोलन जिला के कण्डाघाट स्थित बाहरा विश्वविद्यालय में ‘कीप हिमाचल क्लीन एण्ड ग्रीन’ कार्यक्रम का शुभारम्भ करने के उपरान्त उपस्थित अध्यापकों एवं अन्य को सम्बोधित कर रहे थे।
डॉ. सैजल ने इस अवसर पर विज्ञान तथा गणित के अध्यापकों के लिए आयोजित दो दिवसीय क्षमता उन्नयन कार्यशाला का शुभारम्भ भी किया।
उन्होंने इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दाड़लाघाट के अध्यापक तेजेन्द्र शर्मा तथा जिला विज्ञान पर्यवेक्षक सोलन अमरीश शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक ‘वाईब्रेन्ट साईंस क्विज’ का विमोचन भी किया। यह पुस्तक छठी कक्षा से 12वीं कक्षा के छात्रों को प्रशनोत्तरी प्रतियोगिताओं की तैयारी में सहायता प्रदान करेगी।
डॉ. सैजल ने कहा कि प्राचीन काल से ही मनुष्य प्रकृति से सीख लेकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में हम सभी को यह स्मरण रखना होगा कि प्रकृति एवं पर्यावरण की रक्षा कर ही सुखद भविष्य की नींव रखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रकृति को संरक्षित रख कर ही बच्चों को स्वच्छ एवं सुरक्षित धरा प्रदान की जा सकती है।
आयुष मन्त्री ने कहा कि हमें वृक्षों के जीवनदायी पक्ष को समझना होगा और भावी पीढ़ी को यह समझाना होगा कि सभी वृक्षों में औषधीय गुण होते हैं और इनके वैज्ञानिक दोहन से ही आर्थिकी को सुदृढ़ करने में सहायता मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि ‘कीप हिमाचल क्लीन एण्ड ग्रीन’ कार्यक्रम एक वर्ष तक प्रदेश में कार्यान्वित किया जाएगा। अभियान के माध्यम से प्रदेश वासियों एवं पर्यटकों को हिमाचल को स्वच्छ रखने एवं प्रदेश के अनुपम सौन्दर्य को संरक्षित रखने के लिए जागरूक बनाया जाएगा। प्रदेश की विभिन्न ग्राम पंचायतों में अभियान के तहत पौधरोपण अभियान भी कार्यान्वित किया जाएगा।
विज्ञान तथा गणित के अध्यापकों के लिए आयोजित दो दिवसीय क्षमता उन्नयन कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए उन्होंने अध्यापकों का आह्वान किया कि नई शिक्षा नीति का अनुसरण करते हुए छात्रों के व्यक्तित्व को पल्लवित एवं पोषित करने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अध्यापन की नई विधाएं विकसित हो रही हैं और इनकी जानकारी छात्रों को बेहतर सीख प्रदान करने में सहायक हो सकती है।
डॉ. सैजल ने कहा कि शिक्षा, प्राचीन को नवीन से जोड़ने में सहायक होनी चाहिए ताकि युवा पीढ़ी अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की जानकारी प्राप्त कर देश को विश्व अग्रणी बनाने की दिशा में सहायक बने।
स्वास्थ्य मन्त्री ने इस अवसर पर सभी से आग्रह किया कि कोविड-19 से बचाव के लिए यदि हम सही प्रकार से नाक से लेकर ठोडी तक ढकते हुए मास्क पहनें, बार-बार अपने हाथ साबुन अथवा एल्कोहल युक्त सेनिटाईजर से धोते रहें और सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पालन करें तो निश्चित तौर पर कोरोना संक्रमण से सभी का बचाव किया जा सकता है।
इस अवसर पर आविष्कार फाऊंडेशन पालमपुर की संध्या गुप्ता ने ‘गणित विषय को कैसे रोचक बनाया जा सकता है’ विषय पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की।
बाहरा विश्वविद्यालय के कुलपति गुरविन्दर सिंह बाहरा, उप कुलपति प्रो. बी.एस. नागेन्द्र पराशर, कुल सचिव विनीत कुमार, निदेशक अनुराग अवस्थी, उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा शिमला भाग चन्द चौहान, उप निदेशक उच्च शिक्षा शिमला अशोक शर्मा, उप निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा सोलन रोशन जसवाल, जिला परियोजना अधिकारी चन्द्रमोहन शर्मा, तहसीलदार कण्डाघाट अमन राणा, अध्यापक एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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