आधुनिक चिकित्सा पद्धति एलोपेथी और किसी न किसी रूप में जन-जन की जीवनशैली का अभिन्न अंग रही आयुष पद्धति ने कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों को पूर्ण रूप से स्वस्थ करने में विशिष्ट भूमिका निभाई। वर्तमान में प्रदेश में घर पर में रह रहे कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों की संख्या घटकर लगभग 16 हजार रह गई है। इन 16 हजार कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों को आयुष घर द्वार कार्यक्रम के माध्यम से लाभान्वित करने के लिए व्हाट्सऐप, जूम जैसे सोशल मीडिया ऐप पर प्रदेश में 985 वर्चुअल समूह बनाए गए हैं। इन वर्चुअल समूहों के माध्यम से 16303 रोगी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
आयुष घर द्वार के तहत कांगड़ा जिला में 249 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 2836 कोरोना संक्रमित, मण्डी जिला में 138 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 1992 रोगी, चम्बा जिला में 117 समूहों के माध्यम से 1145 रोगी, हमीरपुर जिला में 83 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 1688 रोगी, सोलन जिला में 79 समूहों के माध्यम से 2970 रोगी, बिलासपुर जिला में 70 समूहों के माध्यम से 1222 रोगी, ऊना जिला में 67 समूहों के माध्यम से 1262 रोगी, सिरमौर जिला में 65 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 1650 रोगी, शिमला जिला में 61 समूहों के माध्यम से 681 रोगी, कुल्लू जिला में 28 समूहों के माध्यम से 644 रोगी, किन्नौर जिला में 20 समूहों के माध्यम से 120 रोगी तथा लाहौल-स्पीति जिला में 08 वर्चुअल समूहों के माध्यम से 93 कोरोना पाॅजिटिव रोगी लाभान्वित हो रहे हैं।
आयुष घरद्वार कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से कोरोना संक्रमित रोगियों के स्वस्थ होने की दर को बढ़ाना, उनके जीवन स्तर में सुधार करना, मृत्यु दर को कम करना, संक्रमण दर को घटाना, कोविड के गम्भीर दुष्प्रभावों को कम करना एवं तदोपरान्त रोगियों का बेहतर पुनर्वास सुनिश्चित बनाना है।
आयुष घर द्वार कार्यक्रम बहुत कम समय में रोगियों का संबल प्रदाता बनकर उभरा है। इसके माध्यम से कोविड संक्रमण दर को कम करने में सहायता भी प्राप्त हो रही है।