मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 वर्ष की आयु तक के ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोविड महामारी के कारण माता-पिता को खो दिया है या कोविड से पीड़ित हैं, उन्हें शिशु देखभाल केन्द्रों में आश्रय और देखभाल प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी शिशु देखभाल केन्द्रों में आॅक्सीमीटर, थर्मामीटर और थर्मल स्कैनर आदि उपलब्ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों को टीकाकरण के उद्देश्य से अग्रणी पंक्ति का कार्यकर्ता घोषित किया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले से ही बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए राज्य में कई योजनाएं क्रियान्वित की हैं। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा आश्रय मातृ संबल योजना के अन्तर्गत विधवाओं को दो बच्चों के भरण-पोषण के लिए 18 वर्ष की आयु तक प्रति वर्ष 6000 रुपये प्रति बच्चे की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों की वार्षिक आय 35000 रुपये से अधिक नहीं है, उन्हें भी इस योजना के अन्तर्गत लाया गया है।