नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि एक तरफ प्रदेश में कोरोना से मौतों का तांडव बढ़ता जा रहा है दूसरी तरफ प्रदेश सरकर की छवि को निखारने के लिए करोड़ों रुपए एक एजैंसी पर लुटाने की तैयारी हो रही है। इसके लिए टैंडर हो गया ओर निविदाएं भी आ गई है। अब यह कभी भी फाइनल हो सकता। सरकार का यह दिवालियापन है जब संकट से निपटना है उसमें सरकार को चेहरा निखारने की फिक्र है। ऊना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या 2118 हो चुकी है।
पहाड़ी राज्य के लिए यह बहुत बड़ा आंकड़ा है। प्रदेश में पिछले एक दिन में कोरोना से 63 मौतें हुई। मौत के इस तांडव को रोकने की जिम्मेदारी सरकार की है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए सरकार द्वारा कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए थे। प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सरकार सही तरीके से ठीक करे नहीं तो आने वाले दिन इससे भी खतरनाक होंगे। इंसान अब केवल आंकड़ा बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग व मंत्रालय का गम्भीर रोगियो को बचाने के लिए कोई प्लान नही है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कोरोना संक्रमित की मौत होने पर उसे 4 कंधे तक नहीं मिल रहे हैं। इसके लिए सरकार को व्यवस्था कर देनी चाहिए थी। हर जगह शव वाहन उपलब्ध करवा देने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि एम्बूलैंस की कमी है तो एचआरटीसी की छोटी बसों से सीटें निकालकर उन्हें एम्बूलैंस के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इस बीमारी से निपटने के लिए ऐसे अनेक तरीके हैं,पर जयराम सरकार के पास इसका समय ही नही है। मुकेश ने कहा कि जब किसी व्यक्ति का आॅक्सीजन लेबल गिरता है तो उसे कहां रैफर किया जाए इसके लिए सरकार के पास कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। मैडीकल कालेज टांडा से अप्रूवल नहीं मिलती है।
वहां से जवाब आता है कि सारे बैड फुल हो चुके हैं यहां रैफर मत करना। यदि आम आदमी को बड़े अस्पतालों में ट्रीटमैंट नहीं मिलेगा तो ऐसे में वह कहां जाए। यदि चंडीगढ़ या पंजाब के अस्पतालों में उपचार के लिए जाना हो तो उसके लिए लाखों रुपए चाहिए। आम आदमी इतने पैसे कहां से जाए। आॅक्सीजन का लेबल गिरने से रोजाना ऐसी डैथ हो रही हैं। मई माह के 13 दिन कहर कर गए हैं। हिमाचल की जनता को बचाना सरकार की जिम्मेदारी है। विपक्ष पूरा सहयोग व्यवस्था में करेगा। कमी पर बोलेगा भी ।
अग्निहोत्री ने कहा कि कोरोना महामारी में जहां आम आदमी परेशान हैं वहीं सरकार राष्ट्र के नाम संदेश देने और अलग-अलग वर्ग के लोगों के साथ बातचीत करने में मशगूल है जबकि हर वर्ग सहयोग कर रहा। सरकार विपक्ष को कह रही है कि वह हिमाचल की तुलना अन्य राज्यों से करें तो सरकार भी देखे कि पड़ोसी राज्य में मिलने वाली कोरोना फतेह किट और हिमाचल की किट में कितना अंतर है।