संस्कृत का ज्ञान इतिहास एवं भविष्य के लिए आवश्यक – संजय अवस्थी
बाघल टाइम्स
अर्की ब्यूरो (06 जुलाई)विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि संस्कृत जहां सभी भारतीय भाषाओं की जननी है वहीं सनातन जीवन परम्परा का पूर्णसार की जानकारी हमें मूल रूप से संस्कृत से ही मिलती है। संजय अवस्थी रविवार को अर्की विधानसभा क्षेत्र की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बथालग में राज्य स्तरीय हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के त्रैवार्षिक अधिवेशन को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के पठन-पाठन से मनुष्य की मनोवृत्ति में शुद्धता और स्वच्छता का संचार होता है।

संजय अवस्थी ने कहा कि संस्कृत भाषा पढ़ाने वाले शिक्षक न केवल भाषा का ज्ञान देते हैं बल्कि भाषा के संरक्षण का कार्य भी करते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की सबसे पुरानी भाषा है। इसका ज्ञान व्यक्ति को धार्मिक, दार्शनिक और साहित्यिक ग्रंथों को समझने में परिपूर्ण बनाता है।
विधायक ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के पूर्ण कार्य में संस्कृत की मेहता को स्वीकार किया गया है। विश्व की विभिन्न भाषाओं का मूल संस्कृत ही है। हम सभी भाग्यशाली हैं कि हम उस समाज का हिस्सा है, जहां पर इस भाषा की उत्पत्त्ति हुई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन संस्कृत भाषा के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

कार्य करने वाले अध्यापकों को सम्मानित किया।
उन्होंने परिषद को 21 हजार रुपए देने की घोषणा की।
विधायक ने इस अवसर पर जन समस्याएं भी सुनी और संबंधित अधिकारियों को इनके शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए।
तहसीलदार अर्की विपिन शर्मा, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता विवेक कटोच, विद्युत बोर्ड के अधिशाषी अभियंता संदीप शर्मा, हिमाचल संस्कृत शिक्षक परिषद के अध्यक्ष डॉ. मनोज शैल, महासचिव अमित शर्मा, सचिव सोहन लाल वित्त, संगठन मंत्री ललित शर्मा, सदस्य कमल गौतम, रवींद्र मेहता, डॉ. त्रिलोक ठाकुर सहित प्रदेश के संस्कृत शिक्षक इस अवसर पर उपस्थित थे।