नेताजी सुभाष चंद्र की जीवनी ,उनके विचार और कठोर त्याग आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक: सरताज राठौर

बाघल टाइम्स

अर्की  ब्यूरो (23 जनवरी) राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धूंदन में नेता सुभाष चंद्र बोस की 127 वीं जयंती मनाई गई । इस अवसर पर कॉमर्स प्रवक्ता नरेंद्र कपिला ने एनएसएस इकाई को बताया कि इनके अदम्य साहस और निस्वार्थ सेवा भाव को देखकर ही इनकी जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 उन्होंने कहा कि देश प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 1921 में नेता जी के जन्मदिन को पराक्रम दिवस मनाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि नेता जी भारत सिविल सेवा की परीक्षा के पश्चात जीवन भर आराम की नौकरी कर सकते थे ,परंतु अंग्रेजों के प्रताड़ना को देखकर अपनी नौकरी को ठुकराते हुए आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। 

तथा सन 1943 में आजाद हिंद फौज का गठन किया जब उन्होंने देखा कि अहिंसा से आजादी नहीं पाई जा सकती जा सकती तो इन्होंने युवाओं को अपने बुलंद नारे तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा और जय हिंद जैसे कई नारे देकर युवाओं में देश के प्रति प्रेम को जगाया।

इस मौके पर प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र की जीवनी ,उनके विचार और कठोर त्याग आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से नेता जी के पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया। 

इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा। 

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