अर्की कॉलेज के प्रोफेसर राजन तनवर की कहानी ‘कम्मू’ कर्नाटक के बीदर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल

अर्की कॉलेज के प्रोफेसर राजन तनवर की कहानी ‘कम्मू’ कर्नाटक के बीदर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल

बाघल टाइम्स

अर्की ब्यूरो : ( 14 जुलाई ) राजकीय महाविद्यालय अर्की के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजन तनवर द्वारा लिखित कहानी “कम्मू” कर्नाटक के बीदर विश्वविद्यालय के बीए हिंदी तृतीय सत्र के छात्रों के लिए (ऑप्शनल) वैकल्पिक विषय के रूप में पाठ्यक्रम में सम्मिलित की गई है।
डॉ. राजन तनवर मूल रूप से कंडाघाट तहसील के गांव घाट कुम्हाला, डाकघर शारड़ाघाट से संबंध रखते हैं।

इस कहानी में डॉक्टर तनवर ने स्त्री विमर्श और पर्यावरण विमर्श की समस्या को चित्रित किया है।
कहानी की नायिका कम्मु अपने शराबी पति की ज्यादतियों का मुकाबला करती है तथा बच्चों को पढ़ाने-लिखाने की हर सुविधा उपलब्ध करवाती है।
वह एक तरफ संवाद करके अपने पालतू पशुओं से अपना दुख साझा करती है तथा उन्हीं के साथ उसका अधिकतर संवाद होता है। पशु चराते-चराते वह प्लास्टिक का कूड़ा कचरा एकत्रित करती है। गांव वाले उसका मजाक उड़ाते हैं किंतु वह अपनी आदत नहीं छोड़ती। कहानी के अंतिम भाग में बेटा प्रशासनिक अधिकारी तथा बिटिया डॉक्टर बन जाती है तथा सरकार द्वारा उसे पर्यावरण संरक्षण का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त कर दिया जाता है।

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