अर्की कॉलेज में कागजों में बना दिया बास्केटबाल कोर्ट और ओपन जिम, डकार गए लाखों की राशी , क्या है पूरा मामला पड़ें पूरी खबर

अर्की कॉलेज में कागजों में बना दिया बास्केटबाल कोर्ट और ओपन जिम, डकार गए लाखों की राशी , क्या है पूरा मामला पड़ें पूरी खबर

बाघल टाइम्स

अर्की ब्यूरो (11 फ़रवरी) कागज पर बास्केटबाल कोर्ट और ओपन जिम तैयार कर कालेज विकास समिति और ठेकेदार ने 11,81,950 रुपये डकार गए है। इसका खुलासा तब हुआ जब कालेज में प्राचार्य तैनात की गई। जिसमें पाया कि कॉलेज परिसर में न तो बास्केटबाल कोर्ट है और नहीं ओपन जिम। इन दोनों का निर्माण कालेज को मिली उत्कृष्ट महाविद्यालय की एक करोड़ रुपये की राशि में से किया जाना था। लेकिन समिति और ठेकेदार ने जाली दस्तावेज तैयार कर संबंधित राशि का गमन कर दिया।

 

जिसकी शिकायत प्राचार्य ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस जानकारी के अनुसार 10 फरवरी को को प्राचार्य डिग्री कालेज अर्की ने शिकायत दी कि वह अर्की में अगस्त 2023 से बतौर प्राचार्य कार्यरत हैं। प्राचार्य पद संभालने पर उन्होंने पाया कि शिक्षा सत्र 2021-22 में कॉलेज को उत्कृष्ट महाविद्यालय बनाया गया था। इसके लिए सरकार की ओर से विकास कार्य के लिए एक करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी।

 

कालेज रिकॉर्ड के अनुसार एक करोड़ रुपये में से 8,81,950 रुपये का खर्च बास्केटबाल कोर्ट और 3,00,000 रुपये ओपन जिम बनाने में खर्च किया गया है।

 

इन दोनों कार्यों के लिए कुल 11,81,950 रुपये राशि मंडी के ठेकेदार को 19 मार्च 2022 को ट्रेजरी अर्की ने बिल पास होने पर जारी की गई है। जबकि आज तक अर्को कालेज परिसर में न तो बास्केटबाल कोर्ट बना है और न ही ओपन जिम बना है। इस काम को पूरा करने के बाद संबंधित धनराशि को देने का अनुमोदन 8 मार्च 2022 को विकास कार्य करवाने के लिए गठित कमेटी द्वारा किया गया। 

 

 

इस कमेटी में डॉ. दिनेश सिंह कवंर, डॉ. रमेश, डॉ. प्रेम पाल, रवि राम, डॉ. मुनीष कुमार, डॉ. आदर्श शर्मा, राजेश्वर शर्मा सदस्य थे। जबकि इस दौरान कालेज के कार्यकारी प्राचार्य डॉ. जगदीश चंद शर्मा थे। इसमें कालेज अधीक्षक ग्रेड टू चमन द्वारा यह ट्रांजेक्शन की गई है। बास्केटबाल कोर्ट को बनाने के लिए 22 फरवरी 2022 को टेंडर लगाए गए थे।

 

जिसमें पांच कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया। लेकिन इसमें चार कंपनियों को बिना किसी कारण अयोग्य घोषित कर दिया। सिर्फ अकेले टेंडर एमएस नंदन कांट्रेक्टर एंड सप्लायर मंडी को योग्य घोषित किया गया। 9 मार्च 2022 को यह गन करार दे दिया गया था। जबकि तीन उम दिन बाद 12 मार्च 2022 को ठेकेदार को काम पूरा होने का उ प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। तीन क दिन में न तो बास्केटबाल कोर्ट बना था और न ही ओपन जिम।

 

16 मार्च 2022 को प्रमाणपत्र के आधार पर संबंधित कार्य का बिल उप ट्रेजरी अर्की को प्रस्तुत किया गया। 19 मार्च 2022 को पास भी हो गया और 11,81,950 रुपये नंदन ठेकेदार के खाता में ट्रांसफर हो गए। जिससे साफ होता है कि उत्कृष्ट महाविद्यालय के लिए आई राशि में से 11,81,950 रुपये को कॉलेज कमेटी ने ठेकेदार नंदन के साथ जाली दस्तावेज तैयार करके गबन कर लिया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 

 

मामले की पुष्टि एसपी सोलन गौरव सिंह है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने ने की मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

 

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