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63 एनटीटी छात्रों के डिप्लोमा व सर्टिफिकेट अवैध करार
बाघल टाइम्स नेटवर्क
हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने प्रदेश के आठ नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) संस्थानों पर बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर ट्रेनिंग से बिना मंजूरी लिए एक साल का एनटीटी सर्टिफिकेट व दो साल का डिप्लोमा करवाने का दोषी पाते हुए इन पर 34 लाख का जुर्माना लगाया है।
जानकारी के अनुसार नियामक आयोग ने इन आठ संस्थानों के 63 छात्रों के डिप्लोमा व सर्टिफिकेट को अवैध करार दिया है। आयोग ने संस्थानों को आदेश दिए हैं कि सभी 63 छात्रों से जो फीस वसूली गई है, उसे नौ प्रतिशत ब्याज के साथ उन्हे वापस दिया जाए। एनटीटी के अलावा ये संस्थान ईसीसी यानि अर्ली चाइल्ड हुड केयर कोर्स भी करवाते हैं।
यह कोर्स स्किल डिवेलपमेंट के तहत आता है और यह कोर्स मान्य रहेगा। आयोग के अनुसार एनटीटी व डीएनटीटी यानि एनटीटी एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स और दो साल का डिप्लोमा कोर्स ये संस्थान करवा रहे थे। इसकी एवज में छात्रों से एनटीटी डिप्लोमा की 24780 व डीएनटीटी की 38940 रुपए की फीस वसूली गई।
फीस का निर्धारण भी संस्थानों ने अपने स्तर पर ही किया था। ये सभी संस्थान एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर मेरठ से एमओयू साइन करने के बाद चल रहे थे। नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक की अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
आयोग के अनुसार एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर मेरठ से एमओयू कर कुल 17 संस्थान चल रहे हैं। आठ संस्थानों ने अपना जवाब रखा था, जिन पर कार्रवाई हुई है। नौ अन्य संस्थानों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है, इनके खिलाफ जांच जारी है। इन संस्थानों की तरफ से जवाब आने के बाद इन पर भी कार्रवाई होगी।
इसके अलावा आयोग ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वह इन संस्थानों के प्रबंधकों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज करवाएं।