बाघल टाइम्स
शिमला ब्यूरो (04अगस्त) मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज पीटरहॉफ शिमला में हिमाचल निर्माता और प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. यशवंत सिंह परमार की 116वीं जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डॉ. यशवंत सिंह परमार न केवल हिमाचल प्रदेश के निर्माता थे, बल्कि उन्होंने प्रदेश के विकास की मजबूत नींव भी रखी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. वाई.एस. परमार की दूरगामी सोच में हिमाचल प्रदेश की खुद की पहचान निहित थी। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार की प्रतिबद्धता और समर्पण से ही अनेक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद हिमाचल प्रदेश अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहा। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार हिमाचली संस्कृति और परम्पराओं के प्रति विशेष स्नेह और सम्मान के भाव रखते थे। उन्होंने कहा कि डॉ. परमार राज्य की समृद्ध संस्कृति को पहचान दिलाने का कोई अवसर नहीं चुके।
जय राम ठाकुर ने कहा कि डॉ. परमार का व्यक्तित्व महान था और उनकी जयंती को धूमधाम से मनाया जाना चाहिए। इसलिए उन्होंने इस कार्यक्रम को विधानसभा के हॉल से बाहर निकलकर विस्तृत तरीके से मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के गठन के समय प्रदेश में केवल 228 किलोमीटर लंबी सड़कें थी। डॉ. परमार ने प्रदेश में सड़कांेे के निर्माण और विस्तार को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की। आज प्रदेश में 39500 किलोमीटर से अधिक सड़कों का मजबूत नेटवर्क है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश 75 वर्षों की लंबी विकास यात्रा का साक्षी रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा इसे यथोचित ढंग से मनाने के लिए पूरे प्रदेश में 75 कार्यक्रमों का आयोजन कर इनके माध्यम से प्रदेश की गौरवशाली यात्रा का प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल तब और अब विषय पर प्रदर्शनी के माध्यम से भी राज्य के लोगों को जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास का श्रेय राज्य के मेहनती और ईमानदार लोगों को जाता है
